Artwork

เนื้อหาจัดทำโดย Swami Atmananda Saraswati เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Swami Atmananda Saraswati หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal
Player FM - แอป Podcast
ออฟไลน์ด้วยแอป Player FM !

Upadesh Saar-4 / उपदेश सार-४

1:41:35
 
แบ่งปัน
 

Manage episode 324385377 series 3091016
เนื้อหาจัดทำโดย Swami Atmananda Saraswati เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Swami Atmananda Saraswati หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal

उपदेश सार के चौथे प्रवचन में ग्रन्थ के तीसरे श्लोक पर प्रकाश डालते हुए पूज्यपाद श्री स्वामी जी महाराज ने बताया कि पिछले श्लोक में महादेवजी ने बताया की कर्म कब मन रुपी मुकुर (शीशे) करने वाला बन जाता है, और अब इस श्लोक में वे बताते हैं की कर्म कब बंधनकारी बन जाता है। जिसकी प्राथमिकताएँ लौकिक वस्तुओं की होती हैं वे लोग ही बाहरी घटनाओं से प्रभावित होते हैं। ऐसे लोगों ने जीवन के मूल लक्ष्य के बारे में गहराई से विवेक नहीं करा है, इसीलिए अनेकानेक लौकिक उपलधयों के बाद भी खाली हाथ रहते हैं। इसलिए यह कर्म का अंदाज़ बंधनकारी होता है।

  continue reading

79 ตอน

Artwork
iconแบ่งปัน
 
Manage episode 324385377 series 3091016
เนื้อหาจัดทำโดย Swami Atmananda Saraswati เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Swami Atmananda Saraswati หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal

उपदेश सार के चौथे प्रवचन में ग्रन्थ के तीसरे श्लोक पर प्रकाश डालते हुए पूज्यपाद श्री स्वामी जी महाराज ने बताया कि पिछले श्लोक में महादेवजी ने बताया की कर्म कब मन रुपी मुकुर (शीशे) करने वाला बन जाता है, और अब इस श्लोक में वे बताते हैं की कर्म कब बंधनकारी बन जाता है। जिसकी प्राथमिकताएँ लौकिक वस्तुओं की होती हैं वे लोग ही बाहरी घटनाओं से प्रभावित होते हैं। ऐसे लोगों ने जीवन के मूल लक्ष्य के बारे में गहराई से विवेक नहीं करा है, इसीलिए अनेकानेक लौकिक उपलधयों के बाद भी खाली हाथ रहते हैं। इसलिए यह कर्म का अंदाज़ बंधनकारी होता है।

  continue reading

79 ตอน

ทุกตอน

×
 
Loading …

ขอต้อนรับสู่ Player FM!

Player FM กำลังหาเว็บ

 

คู่มืออ้างอิงด่วน