Artwork

เนื้อหาจัดทำโดย Swami Atmananda Saraswati เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Swami Atmananda Saraswati หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal
Player FM - แอป Podcast
ออฟไลน์ด้วยแอป Player FM !

Upadesh Saar-1 / उपदेश सार-१

1:15:16
 
แบ่งปัน
 

Manage episode 321626122 series 3091016
เนื้อหาจัดทำโดย Swami Atmananda Saraswati เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Swami Atmananda Saraswati หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal

उपदेश सार ग्रन्थ पर प्रवचन श्रृंखला का शुभारम्भ करते हुए पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने इसकी भूमिका बताई। शिव पुराण के अंतर्गत प्राप्त इस कथा में उन्होंने बताया की - जब कुछ कर्म निष्ठ तपस्वी लोग अनेकानेक जीवन के लक्ष्य रखते थे और कर्म के साथ-साथ ईश्वर से भक्ति-पूर्वक आशीर्वाद भी प्राप्त करते थे तो उन्हें निश्चित रूप से बहुत सिद्धियां प्राप्त हो गयीं थी। तब उनके इष्ट भगवान् शंकर ने उन्हें कुछ विवेक देने हेतु ठानी। कुछ लीला बाद जब वे वविनम्र जिज्ञासु बने तब भगवान् ने उन्हें जो उपदेश दिया वह उपदेश ही यह "उपदेश सार" नामक ग्रन्थ है। कर्म महत्वपूर्ण होता है लेकिन कर्म से सदैव सिमित और संकुचित फल की ही प्राप्ति होती है। अतः नित्य और स्थाई तत्त्व की प्राप्ति हेतु कर्म नहीं बल्कि किसी ज्ञान विशेष का आश्रय लिया जाता है। लेकिन कर्म तब तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक ज्ञान की पात्रता नहीं उत्पन्न हो जाये।

  continue reading

79 ตอน

Artwork
iconแบ่งปัน
 
Manage episode 321626122 series 3091016
เนื้อหาจัดทำโดย Swami Atmananda Saraswati เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Swami Atmananda Saraswati หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal

उपदेश सार ग्रन्थ पर प्रवचन श्रृंखला का शुभारम्भ करते हुए पूज्य स्वामी आत्मानन्द जी महाराज ने इसकी भूमिका बताई। शिव पुराण के अंतर्गत प्राप्त इस कथा में उन्होंने बताया की - जब कुछ कर्म निष्ठ तपस्वी लोग अनेकानेक जीवन के लक्ष्य रखते थे और कर्म के साथ-साथ ईश्वर से भक्ति-पूर्वक आशीर्वाद भी प्राप्त करते थे तो उन्हें निश्चित रूप से बहुत सिद्धियां प्राप्त हो गयीं थी। तब उनके इष्ट भगवान् शंकर ने उन्हें कुछ विवेक देने हेतु ठानी। कुछ लीला बाद जब वे वविनम्र जिज्ञासु बने तब भगवान् ने उन्हें जो उपदेश दिया वह उपदेश ही यह "उपदेश सार" नामक ग्रन्थ है। कर्म महत्वपूर्ण होता है लेकिन कर्म से सदैव सिमित और संकुचित फल की ही प्राप्ति होती है। अतः नित्य और स्थाई तत्त्व की प्राप्ति हेतु कर्म नहीं बल्कि किसी ज्ञान विशेष का आश्रय लिया जाता है। लेकिन कर्म तब तक नहीं छोड़ना चाहिए जब तक ज्ञान की पात्रता नहीं उत्पन्न हो जाये।

  continue reading

79 ตอน

ทุกตอน

×
 
Loading …

ขอต้อนรับสู่ Player FM!

Player FM กำลังหาเว็บ

 

คู่มืออ้างอิงด่วน

ฟังรายการนี้ในขณะที่คุณสำรวจ
เล่น