Artwork

เนื้อหาจัดทำโดย Vivek Agarwal เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Vivek Agarwal หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal
Player FM - แอป Podcast
ออฟไลน์ด้วยแอป Player FM !

ग़ज़ल - इश्क़ भी तुम ने किया (Ghazal - Ishq Bhi Tumne Kiya)

6:52
 
แบ่งปัน
 

Manage episode 343839559 series 3337254
เนื้อหาจัดทำโดย Vivek Agarwal เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Vivek Agarwal หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal

ग़ज़ल - इश्क़ भी तुम ने किया बस यूँ ही आते जाते

इश्क़ भी तुम ने किया बस यूँ ही आते जाते।

दर्द कितना है दिया हम को यूँ जाते जाते।

दोस्ती ख़ूब निभाई थी बड़े दिन हमसे,

फ़र्ज़ दुश्मन का भी बनता है निभाते जाते।

मेरे बस में तो नहीं है कि जला दूँ इनको,

ख़त जो तुमने थे लिखे उन को जलाते जाते।

मुस्कुराहट है लबों पर जो सजाई झूठी,

रोक कर हैं जो रखे अश्क़ बहाते जाते।

कैसे काटेंगे सफ़र ज़िंदगी का बिन तेरे,

आख़िरी वस्ल की यादें तो सजाते जाते।

शायर - विवेक अग्रवाल 'अवि'

सुर और संगीत - रानू जैन

Write to us on HindiPoemsByVivek@Gmail.com

Instagram - hindipoemsby_vivek

  continue reading

96 ตอน

Artwork
iconแบ่งปัน
 
Manage episode 343839559 series 3337254
เนื้อหาจัดทำโดย Vivek Agarwal เนื้อหาพอดแคสต์ทั้งหมด รวมถึงตอน กราฟิก และคำอธิบายพอดแคสต์ได้รับการอัปโหลดและจัดหาให้โดยตรงจาก Vivek Agarwal หรือพันธมิตรแพลตฟอร์มพอดแคสต์ของพวกเขา หากคุณเชื่อว่ามีบุคคลอื่นใช้งานที่มีลิขสิทธิ์ของคุณโดยไม่ได้รับอนุญาต คุณสามารถปฏิบัติตามขั้นตอนที่แสดงไว้ที่นี่ https://th.player.fm/legal

ग़ज़ल - इश्क़ भी तुम ने किया बस यूँ ही आते जाते

इश्क़ भी तुम ने किया बस यूँ ही आते जाते।

दर्द कितना है दिया हम को यूँ जाते जाते।

दोस्ती ख़ूब निभाई थी बड़े दिन हमसे,

फ़र्ज़ दुश्मन का भी बनता है निभाते जाते।

मेरे बस में तो नहीं है कि जला दूँ इनको,

ख़त जो तुमने थे लिखे उन को जलाते जाते।

मुस्कुराहट है लबों पर जो सजाई झूठी,

रोक कर हैं जो रखे अश्क़ बहाते जाते।

कैसे काटेंगे सफ़र ज़िंदगी का बिन तेरे,

आख़िरी वस्ल की यादें तो सजाते जाते।

शायर - विवेक अग्रवाल 'अवि'

सुर और संगीत - रानू जैन

Write to us on HindiPoemsByVivek@Gmail.com

Instagram - hindipoemsby_vivek

  continue reading

96 ตอน

Все серии

×
 
Loading …

ขอต้อนรับสู่ Player FM!

Player FM กำลังหาเว็บ

 

คู่มืออ้างอิงด่วน